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Does Mangal Dosh Puja solve marriage related problems?

 समस्या क्या है ये समझने के लिए हमे समझना होगा की आखिर मंगल दोष कहते किसे है ? ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नव ग्रहो में एक प्रमुख ग्रह है मंगल (Mars) इसके दृष्टि और कुंडली में स्थान के आधार पर एक व्यक्ति के कुंडली में मंगल दोष होने की स्थिति को माना अथवा कहा जाता है। इसे सनातन धर्म को मानने वाले कई पंथो और ज्योतिषियों के अनुसार विवाह में में विलम्ब सम्बन्धी समस्याओं का एक कारण माना जाता है, और कई लोग इसे विवाह में आने वाली परेशानियों और वैवाहिक असुख का एक कारण मानते हैं। हालांकि, भौतिक जगत को ज्यादा निकट से देखने वाले इसे नहीं मानते है लेकिन जब वो लोग भी किसी समस्या के होने का कोई वैज्ञानिक कारण नहीं देख पाते है तो मजबूरन उनको भी इसे मानना पड़ता और वो लोग भी अन्य लोगो की तरह इस पर विश्वास करने लगते हैं । मंगल दोष क्या है? मंगल दोष, कुंडली में मंगल ग्रह के द्वारा उत्पन्न होने वाली एक स्थिति है जिसमें मंगल किसी विशेष स्थान पर होता है और उसकी दृष्टि किसी अन्य ग्रह या कोण से होती है। इस दोष को विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है, जैसे कि "कुज दोष," "आंगारक दो...

मंगल दोष की पूजा कब करनी चाहिए?

वैदिक ज्योतिष की जटिल कार्यविधि में , खगोलीय पिंडों की स्थिति अत्यधिक महत्व रखती है। इनमें से , किसी की कुंडली में मंगल या " मंगल " की स्थिति , मंगल दोष के रूप में जन्म कुंडली में छाया या दोष हो सकता है। ऐसा माना जाता है कि यह खगोलीय घटना किसी के जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करती है , खासकर विवाह और रिश्तों के संदर्भ में। इस ब्लॉग में , हम पवित्र शहर उज्जैन पर ध्यान केंद्रित करते हुए मंगल दोष की पूजा कब और क्यों करनी चाहिए , इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे।   मंगल दोष पूजा को नमस्कार   इससे पहले कि हम मंगल दोष ( Mangal Dosh ) की पूजा के पीछे के समय और कारणों का पता लगाएं , यह समझना महत्वपूर्ण है कि इस ज्योतिषीय घटना में क्या शामिल है। मंगल दोष , जिसे अक्सर मांगलिक दोष के रूप में जाना जाता है , एक ऐसी स्थिति है जो तब उत्पन्न होती है जब मंगल किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में कुछ निश्चित स्थानों पर होता है। यह दोष विवाह ...