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Showing posts from March, 2023

मंगल दोष (Mangal Dosh) की पूजा कहां होती है?

  मंगल दोष ज्योतिष में एक ऐसा शब्द है जिसके बारे में काफी ज्योतिषीय महत्व दिया जाता है। यह एक ऐसी स्थिति होती है जब मंगल ग्रह व्यक्ति के कुंडली में एक निश्चित स्थान पर स्थित होता है। इस स्थिति को ज्योतिष शास्त्र में " मंगलदोष " कहा जाता है। मंगल दोष का मतलब होता है कि इस स्थिति में रहने से व्यक्ति को नुकसान हो सकता है। यह नुकसान व्यक्ति के विवाह , करियर और संतान के मामलों में हो सकता है। मंगल दोष की पूजा ( Mangal Dosh Puja ) हिंदू धर्म में काफी महत्वपूर्ण होती है। यह पूजा अनुष्ठान के द्वारा की जाती है जो कि मंगल दोष को दूर करने के लिए होते हैं। मंगल दोष की पूजा के लिए विशेष तिथि तय की जाती है जिसमें पंचमी तिथि को सबसे उत्तम माना जाता है। इस दिन व्यक्ति को संगम द्वारा अनुष्ठान के लिए आमंत्रित किया जाता है। इस पूजा में गणेश जी , शिवजी और सूर्य देव की पूजा की जाती है।   मंगल दोष की पूजा में धूप , दीप , फूल , अगरबत्ती आदि आवश्यक सामग्री का उपयोग किया जाता है। मंगल दोष की पूजा में स्वर्ण या तांबे का एक तांबे का लोटा भी उपयोग किया जाता है जो कि पूजा के बाद दान के रूप में दिया...

How many variations of Mahamrityunjaya Pooja are there?

  Here you will know different variations and maha mrityunjaya puja cost in Ujjain . You may categorize Mahamrityunjaya mantra puja into the following categories according to the number of times the mantra is chanted: •        The first kind involves repeating the slogan eleven thousand times. It's the smallest possible number. Thus fewer priests and fewer days are needed to finish the recitation. •        The second variety involves reciting the mantra 21 thousand times. •        The third variety involves reciting the mantra 31,001 times. •        The fourth category includes chants when the mantra is repeated 62 thousand times. •        The mantra is chanted 125,000 times in the fifth and final kind. This puja is the granddaddy of them all. Know the maha mrityunjaya puja cost in Ujjain here. Advantages and Wonders of th...

काल सर्प दोष (Kaal Sarp Dosh) को हमेशा के लिए दूर कैसे करें?

कालसर्पदोषएकज्योतिषीयदोषहैजिसेज्योतिषशास्त्रमेंबतायाजाताहै।यहएकऐसीस्थितिहैजिसमेंकिसीव्यक्तिकीजन्मकुंडलीमेंराहुऔरकेतुकोसामनेदेखकरदोषबनताहै।इसदोषकेकारणव्यक्तिकोविभिन्नसमस्याओंकासामनाकरनापड़ताहैजैसेकिसंतानविवाह , स्वास्थ्य , करियरइत्यादि।इसलिए , कालसर्पदोषसेपीड़ितव्यक्तियोंकोइसदोषकोदूरकरनेकेलिएकुछउपायोंकापालनकरनाचाहिए।   काल सर्प दोष के प्रकार : कालसर्पदोषव्यक्तिकीजन्मकुंडलीमेंराहुऔरकेतुकेस्थानकेआधारपरअलग - अलगप्रकारोंमेंहोताहै।इसमेंदोप्रकारकेहोतेहैंएकतोउनलोगोंकेलिएजिनमेंकालसर्पदोषकेसभीग्रहहोतेहैंऔरदूसराजोलोगोंकेजन्मकुंडलीमेंइसदोषकेकुछग्रहहोतेहैं।   काल सर्प दोष के लक्षण : काल सर्प दोष ( Kaal Sarp Dosh Puja Ujjain ) सेपीड़ितव्यक्तियोंकोविभिन्नलक्षणोंकासामनाकरनापड़ताहैजैसेकिउनमेंदुर्बलता , मनऔरशरीरकालसर्पदोषकेलक्षणोंमेंशामिलहोसकतीहैंव्यक्तिकेजीवनमेंसंघर्ष , धनकीकमी , संतानविवाहमेंअसफलता , आध्यात्मिकउन्नतिमेंरुकावट , स्वास्थ्यसंबंधीसमस्याएं , घरमेंदुश्मनीइत्यादि।यदिइनलक्षणोंमेंसेकुछव्यक्तिकेजीवनमेंहोतेहैंतोवहकालसर्पदोषकेप्रभावमेंहोसकताहै।   कालसर्पदोषज्योतिषशास...